Wednesday, September 25, 2013

I NEED YOU

तेरी जरुरत हैं
चाहा नहीं के कभी कहूँ तुझसे
के आज तेरी जरुरत है
चाहत है तेरी और तेरी हसरत है !
कभी समझाना नहीं चाहा मगर
तु समझे इसकी जरुरत हैं !
के आज तेरी जरुरत हैं -2......
   गायल तो हूँ
   और दुहाई बुरे हालात की है
   चाहत तेरे साथ की है
   और तुझसे मुलाकात की है !
आज तू मेरी हिस्सेदारी को ना समझ,
महोब्बत की खुमारी को ना समझ,
एक दिन समझ जाएगी,
भले आज प्यार की उधारी को ना समझ !
चाहा भी कहाँ है कि तुझे समझाऊ,
मगर तू जाने इसकी जरुरत है
के आज तेरी जरुरत हैं, के आज तेरी जरुरत हैं....
   तन्हाई से दिल लगाने को मजबूर ना कर,
   तेरा हूँ तो खुद से इतना दूर ना कर,
कब तक अनजान बनेगी ?
भले आज मेरी दीवानगी को मंजूर ना कर !
चाहा भी कहाँ है कि तुझे समझाऊ,
मगर तू जाने इसकी जरुरत है
के आज तेरी जरुरत हैं, के आज तेरी जरुरत हैं....
मेरे रुसवा होने का इतंजार कर रही है,
या खुद से दूर करने का इंतजाम कर रही है,
कब तक ये बेपरवाही ?
क्यों महोब्बत का काम तमाम कर रही है !
चाहा भी कहाँ है कि तुझे समझाऊ,
मगर तू जाने इसकी जरुरत है
के आज तेरी जरुरत हैं, के आज तेरी जरुरत हैं....

   देख फिर मै खफा हो जाऊंगा,
   तेरी इस दुनिया से दफा हो जाऊंगा ,
   कब तक ये दीवार रहेगी?
   तू आएगी कभी और मै गमजदा हो जाऊंगा !
   चाहा कहाँ है कि तुझसे खफा हो जाऊं ,
   मगर तेरी फ़िक्र की हसरत है

के आज तेरी जरुरत हैं, के आज तेरी जरुरत हैं....

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